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Chandra shekhar azad- 27 फरवरी 1931 , बलिदान दिवस

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27 फरवरी 1931, Bharat (भारत माँ) के वीर पुत्र चन्द्रशेखर आजाद जी (chandra shekhar azad) का आज बलिदान दिवस हे, और कमाल की बात ये हे की आज शिव रात्रि भी हे में नमन करता हूँ भारत माता के इस वीर पुत्र को जिससे ब्रिटिश हुकुमत डरी रहती थी, दोस्तों आज में आपको आजाद जी के जीवन की अंतिम समय के जीवन की एक प्रेणादायक घटना बतारहा हूँ, जिससे पता चलता हे की आजाद जी ने अपने वचन की पूर्ति किस प्रकार की,

क्रांतिकरियों के नायक 'चन्द्रशेखर आजाद' जिन्होंने ब्रिटिश सरकार के अभेद दमन चकर को नेस्तोनाबूद कर, भारत को आजादी का मुकुट पहनने में सहयोग किया, आजाद जी ने प्रण लिया था की- ' में आजाद हूँ ', आजाद रहूँगा, मेरे जिन्दा रहते कोई भी मुझे गिरफ्तार करना तो दूर छु भी नही सकता,

आजाद जी का आखरी सफर 

आजाद जी के पीछे कुछ गद्दार लोगों की टोली पड़ी हुई थी, जो कभी आजाद जी के साथी रह चुके थे, वें स्वार्थ और धन के लोभ में अन्धे होकर आजद जी को पकडवाकर अंग्रेज सरकार से पुरस्कार लेना चाहते थे, आजाद जी को इन सबकी भनक थी, इसलिए उन्होंने इलाहाबाद आकर अपनी गतिविधियाँ सिमित करली थी, फिर भी उन्हें आजादी की लड़ाई के लिए काम तो करना ही होता था,

इलाहबाद में आजाद हें इस बात की सुचना गुप्तचर विभाग को लग चुकी थी, गुप्तचर विभाग ने आजाद जी को पहचानने वाले मुखबिरों को बुलालिया और शहर के चप्पे चप्पे पर लगा दिया, गुप्तचर विभाग का इंस्पेक्टर विश्वेश्वर सिंह इलाहबाद आगया था, एक दिन एक गोर रंग का मंझोले कद का एक यूवक इंस्पेक्टर के पास आया, विश्वेश्वर सिंह ने उससे पूछा आज इतनी सुबहा केसे आना हुआ कोई ख़ास काम हे क्या,

युवक बोला जल्दी चलिए मेने आजद और उसके साथियों को जाते हुए देखा हे , विश्वेश्वर सिंह ने कहा यदि तुम्हारी बात गलत निकली तो ये तुम्हारे लिए अच्छा नही होगा, इससे पहले भी एसी सूचनाएं झूटी निकल चुकी हें, युवक ने कहा मेरी बात पर यकीं कीजिये आजद भी साथ में हें 

इंस्पेक्टर ने उसे अपने साथ चलने को कहा और वे जल्दी से पुलिस कप्तान नाट बाटर के बंगले की तरफ भागे जारहे थे, इधर आजाद भी अपने साथियों को छोड़ कर पार्क में आगये, सुखदेव उनके साथ था दोनों पेड़ के निचे बेठ कर बातें करने लगे, तभी आजाद की नजर पार्क के बहार सडक पर गयी और वो चोक कर बोले जान पड़ता हे 'वीरभद्र तिवारी' जा रहा हे,

परन्तु आजाद जी को कोई खाश शक नही हुआ और वो बातें करने में वयस्थ हो गये, अचानक ही एक तरफ से गोली आई और आजाद जी की टांग में धंस गयी उन्होंने तुरंत अपनी बंदूक निकाली और सावधान हो गये, आजाद ने भी गोली चलानी शुरू करी और नाट बाटर की कलाई को तोड़ डाला, और इस एक गोली ने नाट बाबर के छक्के छुड़ा दिए और वो भागने लगा, आजाद ने देखा कंही वो मोटर पर बेठ कर भाग न जाये उन्होंने एक और गोली चलादी और मोटर का इंजन चूर हो गया, और वो भाग कर एक पेड़ के पीछे छिप गया,

आजाद पर चारो तरफ से गोलियों की बोछार हो रही थी अचानक झाड़ियों के उपर से एक सिर चमका वो सिर विश्वेश्वर सिंह का था उसकी गोली ने ही आजाद की बांह को छेद दिया था, आजाद ने एक गोली सीधे उसके जबड़े पर मारी और उसे वन्ही चित कर दिया, और सभी सिपाही घबरा गये,

तब तक आजाद की बंदूक में एक ही गोली बच्ची थी, उन्होंने अपने को पुलिस के हवाले नही किया बल्कि उस आखरी गोली से खुद को मार लिया, 





पार्क में जिस पेड़ के निचे आजाद जी ने अपनी जीवन का बलिदान दिया था उस इमली के पेड़ को अंग्रेजों ने कटवादिया, आज उसी इस्थान पर आजाद जी की मूर्ति इस्थापित हे 


(एसा भी कहा जाता हे की आजाद जी  की सुचना अंग्रेजों को नेहरु ने दी थी )

दस्त के घरेलू नुस्खे, घरेलू इलाज

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जब पानी जेसे पतली टट्टी होती हे तो उसे दस्त कहते हें, दस्त का कारण कुछ भी हो सकता हे, दस्त एक जान लेवा रोग हे, जो किसी भी कमजोर व्येक्ती, और छोटे बच्चे को हो सकता हे, 





इस रोग से बचने के उपाए-

1- जब तक हो सके बच्चे को माँ का दूध पिलायें,

2- बच्चे को दूध पिलाने के लिए बोतल के बजाये कटोरी और चम्मच ही प्रयोग में लें,

3- सदा साफ़ जल ही पिए,

4- जब भी भोजन खाए तो पहले अच्छे से हाथ धोएं,

5- फलों और सब्जियों को अच्छे से धोकर ही काटें,

6- भोजन को सदेव ढक कर ही रखें,

7- बहार का दूषित भोजन न करें,

8- सदा अपने रहने के स्थान को साफ़ सूत्र रखें,

9- दूध और दूध से बनी चीजों का इस्तेमाल बिलकुल भी ना करें,

दस्त होने पर क्या करें-

Water (पानी)- एक किलो पानी को अच्छे से उबाल लें जब पानी चोथाई रहजाये तब किसी साफ कपड़े से उसे छान लें, हल्का गर्म रहने पर इसे पिएं, इसके फायेदे- दस्त बंद होजाते हें, भूक अच्छी लगती हे, पेट दर्द ठीक होता हे, कब्ज दूर होती हे, उलटी बंद होती हे,

1- जीवन रक्षक घोल- एक गिलास साफ़ पानी लें, इसमें एक चुटकी नमक डालिए, अब नमक को अच्छे से घोल लें, ध्यान रहे नमक अधिक नही डालना हे पानी अधिक नमकीन न हो, एक गिलास में एक चुटकी नमक बहूत हे, एक चमच चीनी डालें, चीनी को अच्छे से पानी में घोल लें, अब जब भी दस्त हों रोगी को आधा या एक गिलास थोडा थोडा कर के पिलायें,

2- Bottle Gourd (लोकी)- लोकी का रायेता दस्तों में लाभकारी हे 

3- Coriandes (धनिया) - हरा धनिया, काला नमक, काली मिर्च मिलाकर चटनी बनालें और चाटलें इससे लाभ मिलता हे, 

4- Water (पानी) - दस्तों में जितना अधिक उबाल कर पानी पिया जाये दस्त उतनी जल्दी ठीक हो जाता हे, शरीर में पानी की कमी बिलकुल न होने दें, यदि छोटे बच्चे को दस्त हें तो उसे माँ का दूध पिलाते रहना चाहिए, 

5- साफ़ पानी का घोल- एक लिटर साफ़ पानी, चीनी 8 छोटे चमच, नमक एक छोटा कमच, इसे साफ़ पानी में अच्छे से मिलालें, यदि बच्चा छोटा हे तो चमच से थोड़ी थोड़ी देर में पिलाते रहें, बड़ा हे तो गिलास से पिलादें, आपकी थोड़ी सी समजदारी किसी भी बच्चे की जान बचा सकती हे 

6- सुखा आंवला, काला नमक , समान मात्रा में पिस कर जल के साथ आधा चमच लेने से दस्त बंद हो जाते हें,

7- अमरुद- अमरुद की कोमल पत्तियों को उबाल कर पिने से दस्त ठीक हो जाते हें,

जरा इसे भी देखें - कब्ज को दूर करने के उपाय

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Akbar जब अकबर को पटका था एक राजपूतानी नें

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प्रत्येक नये वर्ष के आरम्भ के दिन 'नोरोज' के नाम से एक ख़ास त्यौहार मुगलों के समय में मनाया जाता था, उस दिन मकान तथा दुकाने सजती थी, रोशनियाँ , नाच गाना, खाना पीना, सब होता था, Akbar (अकबर)ने उस दिन के लिए एक ख़ास प्रथा की नीव डाली थी, जिसने उसके नाम पर कलंक का टिका लगा दिया,

जनाने महल के निकट के बगीचे में स्त्रियों का निजी बाजार लगता था, जिसे मीना बाजारकहते थे, उस मेले में सिर्फ स्त्रिया ही जा सकती थी किसी भी पुरुष का जाना उसमें मना था, कड़े पहरे से इस का प्रबंध किया जाता था, इस मेले में हिन्दू मुसलमानों के बड़े बड़े सरदारों, और अमीरों की पर्देदार पत्नियाँ, बहन बेटियां, आती थी जिनके पैर का अंगूठा भी पराये पुरुष को देखना भी नशीब नही होता था,

काफी इतिहासकार इस मेले के बारे में कहते हें की 'अकबर " इस मेले के जरिये अपनी काम वासना की पूर्ति करता था, जो नारी उसे इस मेले में सबसे सुंदर नजर आती थी, लोभ से या फिर जबरदस्ती से उस नारी के साथ व्येभिचार करता था, 

ये उन्ही दिनों की बात हे प्रयेक कोम, राजघरानों की एक से एक सुंदर स्त्रियां उस मेले में उपस्थित थी, अकबर भी उस दिन रूप बदल कर एक स्त्रि के भेष में वंहा घूम रहा था, 

इसी वक्त एक सम्भ्रांत, सुन्दर और गम्भीर नारी ने उस मेले में प्रवेश किया, उसकी सुन्दरता के आगे मेले में उपस्थित सभी स्त्रियों की चमक फीकी पड़गयी, मुगल कन्याएँ और बेगमें, जो अपने ऐश्वर्ये और साधनों के घमंड में अंधी होकर किसी को कुछ समझती ही नही थी, वो सभी हेरान हो गयी, कई बड़े बड़े राजघरानो की स्त्रियों ने उस सुन्दरी से वार्तालाप किया, उसके स्वर की मधुरता, भावों की नम्रता ने सबको मोह लिया, 

इसी मेले में स्त्रि के भेष में अकबर वंहा घूम रहा था और उसकी नजर उस सुंदर नारी पर पड़ी, वो उसके रूप को देखकर देखता ही रह गया, अकबर ने दासी के दवारा उस सुन्दरी को धोके से अपने महल में बुल्वालिया और उसे भ्रष्ट करना चाहा, तब उस पतिव्रता ललना ने पहले तो उसे खूब समझाने का प्रयत्न किया लेकिन अकबर नही माना, और अपनी काम वासना की पूर्ति के लिए जबरदस्ती करने लगा तो उस वीर राजपूतानी ने उस कामांध को उठा कर पटक दिया,

और कटार निकाल कर उसकी छाती पर बेठ गयी और शेरनी की तरहां गरजते हुए बोली- बोल पापी, नीच, कामांध, बोल में तेरे प्राण एक शण में ही लेलूं, क्या तुम ये नही जानते राजपूत ललनाएं जीते जी अपनी इजज्त पर कोई आंच नही आने देती हें, उनके लिए जीवन मरण एक साधारण खेल का नाम हे, अनेको बार राजपूतानियों ने अत्याचारियों से अपनी इज्जत बचाने के लिए अग्नि की प्रचंड ज्वाला में प्रवेश किया हे, आज में तुझे मार कर दूसरी स्त्रियों की इजज्त बचाऊगी

अकबर को मिर्त्यु सामने नजर आई मिर्त्यु ही नही अपनी इजज्त पर कलंक लगते हुए भी नजर आया, जिसे वो काफी दिनों से छुपाये हुए था, अकबर ने गीड गीडा कर कहा- हे देवी मुझे माफ़ करदो मेने भूल से तुम जेसी पतिव्रता नारी पर हाथ डाल दिया हे, अब एसी भूल कभी नही होगी में भविष्य में कभी तुम्हारी तरफ आँख उठा कर भी नही देखूंगा,

सिर्फ मेरी और ना देखने की प्रतिज्ञा करने से काम नही चलेगा, नीच प्रतिज्ञा कर की भविष्य में किसी दूसरी आर्ये ललना को अपनी हवश का शिकार नही बनाएगा तभी में तेरी जान बक्शुंगी, 

अकबर ने प्रतिज्ञा की तब उस वीर राजपूतानी ने उसे छोड़ा,

और ये वीरांगना और कोई नही सिसोदिया कुल की राजपूतानी थी, Maharana Pratap (महाराणा प्रताप)के छोटे भाई शक्ति सिंहकी बेटी थी और इस वीरांगना का नाम किरनमई था,

महाराणा प्रतापजिन्हें अकबर अपनी लाखों की फोज लगाकर भी कभी जित नही सका महाराणा प्रताप के बारे में फिर कभी लिखूंगा  


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Shyamji krishna varma एक क्रांतिकारी जिनकी अंतिम इच्छा 73 साल बाद मोदी जी ने पूरी की

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Shyamji krishna varma (श्यामजी कृष्ण वर्मा) 1930 में इनकी मिर्त्यु हुई थी, क्रन्तिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा जिनकी अंतिम इच्छा को Narendra modi        (श्री नरेंद्र मोदी जी)  ने पूरा किया क्रन्तिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा जी इन की मिर्त्यु 1930 Switzerland (स्विटजजरलेंड) में हुई थी, और इन्होने मरते समय कहा था की "मेरी अस्थियाँ मेरे भारत देश में तब ले जाई जाएँ जब वो अंग्रेजों से आजाद हो जाये

1947 को जब हमे आजादी मिली तो भारत के पहले प्रधानमन्त्री ने इस क्रांतिकारी की इच्छा पूरी करते हुए इनकी अस्थियों को भारत लाना चाहिए था लेकिन एसा नही हुआ क्रन्तिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा जी की अस्थियाँ भारत आजाद होने के बाद भी 73 सालों तक इंतजार करती रही अपनी मुक्ति का की कोई आजाद भारत माँ का लाल आएगा और मुझे यंहा से लेजायेगा,

और फिर वो दिन भी आया जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने और काफी लम्बी कोशिश के बाद 22 अगस्त 2003 में स्विटजरलैंड गये और वंहा से इस भारत माँ के बेटे "क्रन्तिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा जी " की अस्थियों को भारत लाये लेकिन किसी मिडिया ने नही दिखाया क्योंकि इनकी मानसिकता ही देश विरोधी हे और आज कल इन भांड किस्म के नेताओं को मोदी जी को कोसने से ही फुर्सत नहीदोस्तों आने वाले समय में मोदी जी को ही चुने क्योंकि ये ही अपनी भारत भूमि के लिए ठीक होगायदि किसी को कोई शंका हो इस खबर से तो इस लिंक पर जाकर देख सकता हे  Shyamji krishna varma
सुचना:- जो गद्दार हें वो दूर ही रहें 

self confidence बढ़ाने के 5 तरीके

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सुख, समर्धि, शांति, को हासिल करने में सफलता और कामयाबी को हासिल करने में self-confidenceका होना एक important quality हे, जो भी व्येक्ती कामयाब हो चुके हें उसमें आपको ये confidenceदेखने को मिल जायेगा, आप किसी कामयाब business manको देख लिजिये चाहे किसी film starको देखलिजिये आपको अपने आस पास एसे अनेकों लोग मिलजायेंगे जिनमें आत्मविश्वाश अलग ही दिख जायेगा, आत्मविश्वाश व्येक्ती में जरुर होना चाहिए जिससे वो कामयाब तो होगा ही और मुश्किलों को भी आसानी से हल करदेगा, आज में आपको अपने इस Articleमें 5 एसी बाते बताऊंगा जो आपके आत्मविश्वाश को बढ़ाने में कारगर सिद्ध होंगी,



1:-Improve your Dressing sense
दोस्तों हमारा पहनावा हमारे आत्मविश्वाश पर काफी असर डालता हे, आपने भी ये बात कभी न कभी महसूस की होगी की जब भी आप अच्छे और साफ़ कपड़े पहनते हें तो आपमें एक अलग ही energy आजाती हे, ये बात मेने तो काफी बार महसूस की हे
यदि आप अच्छे से तयार होते हें तो सामने वाले पर भी काफी अच्छा प्रभाव पड़ता हे, दोस्तों याद रखें जब भी आप किसी meating या interviewमें जा रहे हें तो simple dress पहने, ज्यादा भडकीला ना पहने, यकीं मानिये यदि आप अपने पहनावे को लेकर इन छोटी छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो आपके confidenceका level और ऊपर होगा,

2:-Focus on your breathing (सांसों पर ध्यान दें)
जी हाँ दोस्तों हमारी साँसे हमारा confidence (आत्मविश्वाश ) बढ़ा सकती हें, जब भी आपको घबराहट हो तो आप नाक से लम्बा गहरा सांस लें फिर मुह से छोड़ दें, पहले लम्बी गहरी साँस लें फिर पूरी सांस बहार निकाल दें एसा 10 बार करें और फिर देखें क्या होता हे, ये विधि आप इस्तेमाल कर सकते हें जब भी आपको- घबराहट हो, तनाव हो, गुस्सा अधिक आता हो आदि 

3:- Improve your thinking skills (अपनी सोच को सुधारें)
जेसी आपकी सोच होगी वेसा ही आपका वर्तमान होता हे आपकी सोच आपके confidence को बढ़ाने में काफी योगदान देसक्ति हे, यदि आप हर समय नकारात्मक सोचते हें की में ये नही करसकता , में ये केसे करूंगा, पता नही ये हो भी पायेगा की नही, कंही में नाकामयाब न हो जाऊ यदि आपकी सोच एसी हे तो आप कामयाब नही होसकते , यदि आपकी सोच सकारात्मक हे जेसे- में ये जरुर करलूँगा , हां मुझे जरुर कामयाबी मिलेगी, हाँ मुझे तो कामयाब होना ही हे, दोस्तों कहने का मतलब ये हे की आप अपनी सोच को नकारात्मक न होने दें फिर चाहे परिस्थितियाँ आपके अनुकूल न भी हो आप जरुर कामयाब होंगे और meditation(ध्यान)आपके लिए काफी कारगर सिद्ध होगा 

4:- जिन कारणों से आत्मविश्वाश घटे वो काम बार बार करें 
जी हाँ दोस्तों ये बात सुनकर आपको अजीब लगेगा लेकिन ये सत्य हे हमें अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाना चाहिए, ज्यादातर हम जिससे दूर भागते हें घबराते हें यदि वो हमारी कमजोरी हमारी ताकत बनजाये तो हमारा आत्म विश्वाश कभी कम नही होगा, जेसे बहूत से व्येक्ती घबराते हें - लोगों के सामने बोलने से, opposite sex के सामने घबराते हें, इस कमजोरी को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका ये हे की आप उस काम को बार बार करें जिससे आप घबराते हें बार बार उसे दोरहें, दोस्तों यकीन मानिये आपका किसी भी बात को लेकर घबराना खत्म हो जायेगा, आप जीतेंगे अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत बनाकर,  

5:- गलतियों से घबराएँ नही 
दोस्तों एक एक गलती जो आपने की यदि आप उसपर ध्यान दें तो ये आपका सबसे अच्छा गुरु होगा, क्योंकि हमारी गलतियाँ हमे ये सिखलाती हे की हमने किधर कमी छोड़ी और यदि हम उस कमी को ध्यान से पहचान्लें तो फिर कामयाबी आपके कदम चूमेगी, और आप जरुर कामयाब होंगे कोई आपको नही रोक सकता, अच्चार्ये चाणक्य कहते हें अपनी गलतियों के बजाये दूसरों की गलतियों से सीखें तो जल्दी कामयाबी मिल सकती हे, किसी भी काम को करने से पहले अच्छे से अध्यन कर लें 


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खुश रहने के 5 तरीके

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Happyness 'खुशी उत्साह जीवन में ना हो तो हमें नकारात्मक सोच घेर लेती हे, आखिर खुश रहना इतना जरूरी क्यूँ हे, क्योंकि यदि आप दुखी हें तो नकारात्मक सोचेंगे, और ये नकारात्मकता आपके जीवन को बर्बाद करदेगी, आप हमेशा हारते ही चले जाएंगे, यदि आप खुश रहते हें तो आपका जीवन खुशियों से भर जायेगा और आप सदेव ही कामयाब होंगे, दोस्तों आज में आपको इस Article में सदेव Happy (खुश) रहने के तरीके बताऊंगा उमीद करता हूँ ये आपके लिए healpfull होंगे,



1:- Positive thinking ( सकारात्मक सोंच )

दोस्तों यदि आप सदा खुश रहना चाहते हें तो अपनी सोंच को सकारात्मक बनाएं, हमेशा अच्छा सोचें नकारात्मक कभी न सोचें, जेसे- ये हो जायेगा तो क्या होगा, वो हो गया तो क्या होगा, मेरा ये काम नही बना तो मेरा नुकसान हो जायेगा, में ये काम कर तो रहा हूँ कंही में इसमें सफल न हुआ तो, दोस्तों एसी सोच न रखें इस प्रकार की सोंच से आपको सिर्फ और सिर्फ तनाव ही हो सकता हे, इसलिए Positive (सकारात्मक) सोचें और खुश रहें,



2:- Learn from the children ( बच्चों से सीखें )

जी हाँ दोस्तों बच्चे खुश रहने के मामले में हमारे गुरु हें, ये कला हमें छोटे छोटे बच्चों से सिखने को मिलजाएगी, बच्चों को आपने देखा होगा सदेव खुश रहते हें, बड़ों की तरहां ज्यादा सोचते नही हें, हमारी तरहां उनके दीमाग में विचारों का कचरा नही भरा होता इसलिए बच्चे इतने सहज और खुश रहते हें, यदि आप दुखी हें तो बच्चों के साथ खेलें फिर देखें मन को कितनी ख़ुशी मिलती हे, और ज्यादा न सोचें फल तो आपको अपनी मेहनत के अनुसार जरुर मिलेगा चिंता करने से कुछ नही होता चिता और चिंता में सिर्फ एक बिंदी का अंतर हे इसलिए सदा खुश रहें,


3:- Learn Meditation ( ध्यान करना सीखें )
Meditation  (ध्यान) सब रोगों की एक दवा हे, यदि आप ध्यान करना सिख्लें तो आप present (वर्तमान) में रहना सिख लेंगे, और यदि आपने वर्तमान में रहना सिख लिया तो आप की ख़ुशी को कभी कोई छीन ही नही सकता, ध्यान अपने में सम्पूर्ण हें, जब आपके विचार खत्म होंगें जब आप निर्विचार होंगे तो आप उस शण ध्यान में होंगे, तब आप उस परमानन्द की महक से भर जाएंगे,







4:- See The Cows Eyes ( गौ माता की आँखों में देखें )
दोस्तों आपमें से काफी लोगों को ये अजीब लगेगा लेकिन बहूत से आदमी पहले ही ये बात जानते होंगे, आप कभी देसी गाएं को देखें गाएं की आँखों में देखें तो आपको आँखों में करुणा नजर आएगी, प्यार नजर आएगा, और आपको काफी शांति मिलेगी, जब भी आपको तनाव हो मन दुखी हो तो गाएं की आँखों में देखें , पीठ पर हाथ फेरें फिर देखें करिश्मा गो माता का आपको काफी शांति मिलेगी,

5:- सेवा भाव रखें 

दोस्तों यदि आप सदेव खुश रहना चाहते हें तो अपने मन में सेवा भाव लायें, जब आप सेवा करते हें जेसे गुरूद्वारे में जाकर, मन्दिर में जाकर, गरीबों को भोजन कपड़ा आदि जिव जन्तुओं की रक्षा आदि अपने सामर्थ्ये के अनुसार प्रत्येक व्येक्ती को सेवा करनी चाहिए, सेवा करने के बाद आपको एक असीम शांति हाशिल होती हे, आपका मन गद गद हो जाता हे दोस्तों यकीं मानिये में इसको शब्दों में नही बता सकता ये तो आपको अनुभव करके देखना होगा 

जरा इसे भी देखें- Self confidence बढ़ाने के 5 तरीके 

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Swami Dyanand Srswati, "प्रभु जिसका कोई नही हे, उसके तुम तो हो,

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Swami Dyanand Srswati (महर्षि दयानन्द सरस्वती) जी के उपदेशों नें करोड़ों लोगों को नवजीवन, नवचेतना और नया दृष्टीकोण प्रदान किया हे दयानंद जी के जीवन से जुडी सत्ये घटना यंहा लिख रहा हूँ 

चाडोद में रहने के समय में केवल जल मिश्रित दूध पिलेता था, और रात को थोड़े फल खा लेता था, इसके अतिरिक्त और कुछ नही लेता था, हम सब आश्रम वाशियों के लिए अगल बगल के गाँव वाले लोग दूध भेज देते थे, दोनों गुरुओं के चले जाने के बाद ग्राम्वाशियों ने समझा की आश्रम में कोई नही हे इसलिए दूध लाना बंद कर दिया पहले दिन तो जल पीकर और फल खा कर ही मेने दिन काट दिया था,

दुसरे दिन एक दुग्धव्ती गाएं कंही से भाग कर मेरी कुटिया के सामने आकर खड़ी हो गयी और रम्भाने लगी, पीछे से वंहा गाएं के स्वामी दो भाई भी पहोंच गये, गाएं के स्वामियों ने कहा की इस गाएं का दूध रोज आश्रमवाशियों के लिए भेजते थे, 

हम लोगों ने सुना था की आप सब लोग कंही चले गये हें, इसीलिए कल दूध नही भेजा गया था आज सवेरे ही गाएं भाग गयी, हम गाएं को धूंडते हुए यंहा तक पहोंच गये हें अब कल से हमं यंहा पर दूध भेजदिया करेंगे, लेकिन गाएं आश्रम को छोड़ कर जाने को तयार नही थी, हम सब ने समझलिया था की हमने कल दूध नही पिया था इसलिए आज गाएं हमको दूध पिलाकर ही घर जाएगी, बछड़ा वंहा लाया गया दूध दुहा गया मुझे दूध पिलाकर ही गाएं वंहा से अपने मालिकों के साथ अपने घर को गयी,

जब तक में आश्रम में रहा तब तक प्रतिदिन मेरे लिए दूध का प्रबन्ध हो गया था, मुझको याद आया "प्रभु जिसका कोई नही हे, उसके तुम तो हो,

Note :- दोस्तों ये लेख योगी का आत्मचरित्रपुस्तक पेज नंबर - 115 से लिया गया हे,  

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जरा इसे भी देखें- वीर बालक छत्रपति शिवाजी 

swami dayanand saraswati, जी के प्रति महान लोगों के विचार

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1:- swami dayanand saraswati महर्षि दयानन्द जी के उपदेशों ने करोड़ों लोगों को नवजीवन, नवचेतना और नया दृष्टीकोण प्रदान किया हे,
Dr. Rajendra Prasad ( डा राजेन्द्र प्रसाद ( प्रथम राष्ट्रपति)


2:- महर्षि दयानन्द जी स्वाधीनता संग्राम के सर्वप्रथम योद्धा और जाती के रक्षक थे, उनके द्वारा स्थापित आर्य समाज ने राष्ट्र की महान सेवा की हे और कर रहा हे,
Vir Savarkar (वीर सावरकर)


3:- सन्गठन कार्य, द्रिड़ता , उत्साह और स्मन्व्यात्म्कता की दृष्टी से आर्य समाज की समता कोई नही कर सकता
Netaji Subhas Chandra Bose (नेता जी सुभाषचन्द्र बोस)


4:- स्वामी दयानन्द जी मेरे गुरु हें, मेने संसार में केवल उन्ही को गुरु माना हे, वे मेरे धर्म के पिता हें, और आर्य समाज मेरी धर्म की माता हे,
Punjab Kesari Lala Lajpat Rai (पंजाब केसरी लाला लाजपतराय)


5:- स्वामी दयानन्द एसे प्रकाश के स्तम्भ हें, जिन्होंने असंख्य मनुष्यों को सत्ये का मार्ग दिखलाया हे, में अपने को उनका अनुयाई कहलाने में गर्व अनुभव करता हूँ,
DEVTA SVRUP BHAI PRMANAND (देवता स्वरूप भाई परमानन्द (एम.ए)


6:- में ऋषि दयानन्द जी को अपना राजनितिक गुरु मानता हूँ, मेरी दृष्टी में तो वें महान विप्लववादी नेता और राष्ट्र विधायक थे,
Vitthalbhai Patel (विठ्ठल भाई पटेल)


7:- गाँधी जी राष्ट्र के पिता थे तो महर्षि दयानन्द सरस्वती राष्ट्र के पितामह हें,
अनन्तरशयनम अय्यंगर


8:- दयानन्द! Yoga (योग) विधा शिक्षा के लिए ही तुमने पितृग्रेह को छोड़ा हे, यह तो वेराग्ये का परिचय हे, लेकिन केवल केवल वेराग्ये से ही योग विद्या का लाभ नही होता हे, इसके लिए अभ्याश भी चाहिए, अभ्याश और वेराग्ये के जरिये ही, योग अर्थात चितव्रती का निरोध होता हे,
Swami Shivananda Giri (स्वामी शिवानन्द गिरी, दयानन्द जी के राजयोग के गुरु)


9:- योगेश्वर महर्षि दयानन्द जी अत्यन्त विरक्त थे, तथा उच्कोटी के योगाभ्यासी भी थे, राजयोग पर उनका पूर्ण विश्वाश था,
आचार्य भद्र्काम वर्णी

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पहला शहीद मंगल पांडे_ (Mangal Pandey)

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बैरकपुर में एक Soldier (सिपाही) था जिसका नाम था Mangal Pandey (मंगल पांडे), यह News (खबर) फेल चुकी थी की अंग्रेज अधिकारी सेना को भंग करना चाहते हें, इसलिए प्रशन ये था की सिपाही तितर- बितर हो जाएँ या फोरन विद्रोह करदिया जाये, विद्रोह की तारीख दूर थी इसलिए ठहरना सम्भव नही था, क्योंकि तबतक ठहरने का मतलब होता नए कारतूसों का इस्तेमाल करने के लिए राजी होजाना, 

इस प्रकार धर्म तो पहले ही नष्ट हो चूका होता, Brave Soldierजोशीले होने के कारण मंगल पांडेपर इसका सबसे अधिक असर पड़ा, उन्होंने ये तय करलिया की 31 मई तक ठहरा नही जा सकता, 

मंगल पांडे ने घूम घूम कर लोगों को समजाया पर लोगों ने उसे धेर्य रखने को कहा, शायद इन लोगो ने ठीक ही कहा था की एक जन्घा विद्रोह हो गया तो उसे दबा दिया जायेगा, इसलिए हमें निश्चित तारीख पर विद्रोह करना चाहिए, 

पर मंगल पांडे नही माने, उन्होंने बंदूक निकली और गोली भरली और वो परेड के मेदान में पहोंच गये और चारों तरफ शेर की तरहां उछल उछल कर कहने लगे- भाइयों उठो आप पीछे क्यूँ रहते हो?, आओ और उठो में आपको धर्म की सोगन्ध दिलाता हूँ, आजादी पुकार रही हे की हम फोरन अपने धोकेबाज शत्रुओं पर हमला बोल दें रुकने का समय नही हे, 

इस प्रकार से मंगल पांडे ने ब्रिटिश सम्राज्य के खिलाफ विद्रोह की घोषणा करदी, और वेह प्रथम विद्रोह हुआ ( 29 मार्च 1857 का दिन था)

वेह परेड के मेदान में लोगों को चिल्ला चिल्ला कर पुकारता रहा, पर सिपाहियों ने उनका साथ नही दिया, वे उन्हें देखते रहे पर कोई कुछ नही बोला, मंगल पांडे की खबर अंग्रेज अधिकारी तक पहोंची और सार्जेंट मेजर हुसन ने आकर मंगल पांडे को देखा, उसने खड़े तमाशा देखने वाले सिपाहियों से कहा मंगल पांडे को गिरफ्तार करलो, 

पर सिपाही एक बार मंगल पांडे की तरफ देखते फिर अंग्रेज अफसर की तरफ देखते, उन्होंने अंग्रेज अफसर की बात मानने से न तो इंकार किया और ना ही माना, इस प्रकार जब काफी समय हो गया तो वो अंग्रेज अफसर समझ गया की वे उसकी बात मानने के लिए तयार नही हें, उधर मंगल पांडे बिलकुल तयार थे उनके हाथ में गोली भरी हुई बंदूक थी, वो रक्त देने और रक्त लेने के लिए तडप रहे थे, मंगल पांडे ने बंदूक सम्भाली और ... ठायं ठायं .......

मेजर हुसन की लाश वन्ही गिर पड़ी, जब ये कांड हो गया तो थोड़ी देर बाद एक अंग्रेज अफसर घटनास्थल पर आया, इस अफसर का नाम था लेफ्टिनेंट बाग़, अबकी बार जो ये अफसर आया था ये पैदल नही था, बल्कि घोड़े पर था अब मंगल पांडे ने गोली चलादी और अफसर और घोडा दोनों जमीन पर लुडकते नजर आये, लेकिन अंग्रेज बच गया और उसने अपनी बंदूक निकाली और मंगल पांडे की तरफ चलादी लेकिन मंगल पांडे बच गये, उन्होंने तलवार निकाल ली और साथ ही उस अफसर ने भी, मंगल ने एक झटके में ही उस अंग्रेज अफसर का खेल तमाम कर दिया,

मंगल पांडे ने 2 अंग्रेज अफसरों का काम तमाम कर दिया था, थोड़ी ही देर में एक गोरा और आया, वेह अभी मंगल पांडे पर टूट नही पाया था की एक दुसरे भारतीय सिपाही ने उस गोर के सिर पर अपनी बंदूक का कुंदा दे मारा, और वो वन्ही ढेर हो गया, और इस तरहां विद्रोह फेल गया और चरों तरफ से ये ही आवाज गूंजी मंगल को हाथ मत लगाना, 

थोड़ी देर में एक और अंग्रेज अफसर वंहा आया और हुकुम दिया सिपाहियों देखते क्या हो इस बागी को पकड़लो बड़े अफसर को देख कर कुछ देर के लिए भारतीय सिपाहियों की फोज कुछ देर के लिए चुप खड़ी रही, पर किसी ने आवाज उठाई हम भरामण देवता का बाल भी बाका न होने देंगें, जब अफसर ने ये देखा तो वो वापस लोट गया इस बिच मंगल पांडे अपने साथियों से यह कह रहे थे की भाइयों अब घडा भर चूका हे, अब आप लोग विद्रोह का झंडा उठाइए पर सिपाही कुछ नही बोले,

इतनी देर में वो अंग्रेज अफसर दुसरे अंग्रेज सिपाहियों को लेकर वंहा आया, और मंगल पांडे समझ गये की अब में गिरफ्तार हो जाऊंगा क्योंकि भारतीय सिपाही पूरी तरहां से मेरा साथ नही दे रहे हें और उन्होंने अपने सिने में गोली मारली, पर उनकी जान नही गयी उन्हें बचा लिया गया,

मंगल पांडे पर मुकदमा चला और उन्हें फांसी की सजा मिली, पर कोई भी जल्लाद फांसी देने को तयार नही हुआ, सभी जल्लादों ने मना कर दिया, फिर कलकत्ता से जल्लाद को बुलाया गया और उसने मंगल पांडे को फँसे दी यदि उस जल्लाद को पता होता की वो किसे फांसी दे रहा हे तो वो भी मना करदेता ये तो निश्चित था, इसीलिए ये बात उससे छुपा कर रखी
इस प्रकार एक भारत माँ के लाल ने अपने प्राण डे दिए 


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paschimottanasana / पश्चिमोत्तानासन और आपका स्वास्थ्य

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YOGA ASANA
paschimottanasana / पश्चिमोत्तानासन

विधि:-

1:-  दोनों पेरों को आगे की तरफ फेलाकर, कमर सीधी करके बेठें, साँस को भीतर लेते हुए दोनों हाथों को उपर की तरफ ले जाएँ,

2:-  सांस को छोड़ते हुए आगे की तरफ झुके बिलकुल धीरे धीरे निचे आयें  पैर के अंगूठों को पकड़ें, और नाक को घुटनों पर लगाने का प्रयास करें, ध्यान रहे की घुटने मुड़े नही सीधे रहें, जितना झुका जाये सिर्फ उतना ही झुकें जबरदस्ती न करें,

3:-  नाक घुटने से लग जाये तो कोहनियों को भी जमीन से लगाने का प्रयास करें, अब कुछ देर इसी आसन में रहें,

4:-  अब साँस लेते हुए दोनों हाथों को उपर की तरफ ले जाएँ और कमर सीधी करके बेठ जाएँ बिलकुल आराम आराम से करें, अब साँस छोड़ते हुए हाथों को निचे की तरफ ले आयें, अब रिलेक्स की इस्थिति में बेठ जाएँ

कोन ये आसन न करें :-

1:- जिन्हें Slipped Disk Problems स्लिप डिस्कका रोग हे वो व्येक्ती ये आसन न करें.
2:-  जिन्हें कमर से सम्बन्धित रोग हे वो ये आसन न करें.

लाभ:- 

1:- इस आसन को करने से पेट की चर्बी कम होती हे, पेट घटता हे.
2:- इस आसन से कमर लचीली बनती हे.
3:- Diabetes (मधुमेह शुगर)के रोग में ये आसन लाभदायक हे.
4:- कब्ज के रोग में फायेदे मंद हे 
5:- स्वप्न दोष के रोग में लाभदायक हे.

Note:- कोई भी आसन प्राणायाम गुरु की देख रेख में ही करें अन्यथा लाभ के बजाये हानि भी हो सकती हे 

USTRASANA / उष्ट्रासन और आपका स्वास्थ्य

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उष्ट्रासन / USTRASANA

1:- VAJRASANA (वज्रासन) में बेठ जाएँ अब साँस लेते हुए घुटनों के बल खड़े हो जाएँ, 
2:- दोनों घुटनों के बिच में आधा फुट का फासला रखें, 
3:- अब दोनों हाथों को कंधों के समानांतर उपर उठायें, अब साँस छोड़ते हुए दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाएँ,
4:- अब पीछे की तरफ झुकते हुए दोनों हाथों की हथेलियों को दोनों पेरों के तलवों पर रखें, 
5:-सीना, गर्दन, सिर, पीछे की तरफ मुड़ा हुआ होना चाहिए, अब कुछ देर इसी आसन में रुके रहें,
6:-अब साँस लेते हुए पहले वाली इस्थिति में आजायें, साँस छोड़ते हुए वज्रासनमें बेठें,

कोन ये आसन ना करे 

उच्च रक्तचाप और अल्सर के रोगि ये आसन ना करें,

लाभ

1:- इस आसन को करने से पाचन क्रिया ठीक काम करती हे,
2:-रीड की हड्डी लचीली बनती हे,
3:- नाभि ठीक होती हे,
4:-DIABETES (मधुमेह) और मन्दाग्नि ठीक होती हे,

चेतावनी

कोई भी ASANA (आसन) या PRANAYAM (प्राणायाम) किसी गुरु की देख रेख में ही करें वरना फायेदे के बजाये हानि भी हो सकती हे 

इस आसन के बाद में इसका विपरीत आसन  paschimottanasana (पश्चिमोत्तानासन) जरुर करें 

जरा इसे देखें - paschimottanasana

Shashankasana (शशांकासन) और आपका स्वास्थ्य

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1:-  Shashankasana (शशांकासन) धीरे धीरे दाहिने पैर को मोड़ कर पीछे ले जाएँ, और नितम्ब के निचे स्थापित करें, इसी प्रकार बाएं पैर को भी लायें, दोनों हाथों को आपस में मिलाएं

2:- अब स्वांस भरते हुए दोनों हाथों को उपर ले जाएँ, स्वांस छोड़ते हुए निचे झुकें, मस्तक को जमीन पर लगायें हाथ मिले हुए रहें

3:- स्वांस भरते हुए वापस उपर लाएं

4:-स्वांस छोड़ते हुए हाथों को निचे लायें और विश्राम करें  

लाभ:- 

1:- इस आसन से स्मरण शक्ति बढती हे

2:- क्रोध शांत होता हे, रक्त चाप सामान्य होता हे

3:- मानशिक शांति प्राप्त होती हे

चेतावनी

कोई भी ASANA (आसन) या PRANAYAM (प्राणायाम) किसी गुरु की देख रेख में ही करें वरना फायेदे के बजाये हानि भी हो सकती हे 

जरा इसे भी देखें - Supta Vajrasana

Supta vajrasana / सुप्त वज्रासन और आपका स्वास्थ्य

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Supta vajrasana / सुप्त वज्रासन 


विधि:-
1:-वज्रासन में बेठें दोनों हाथों को घुटनों पर स्थापित करें 

2:- स्वांस को छोड़ते हुए हाथों और कोहनियों का सहारा लेते हुए, पीठ के भाग को जमीन पर लाएं हथेलियों को साथल पर रखें आँख खुली रहेगी, घुटने आपस में मिले रहेंगे

3:-स्वांस भरते हुए पुन्हा उसी स्थिति में आये, अब विश्राम करें 

लाभ:- 
1:-इस आसन से मेरुदंड लचीला होता हे 

2:-सीना चोडा होता हे 

3:-स्मरण शक्ति बढती हे 

4:-पेरों की शक्ति बढती हे 

5:-पढ़ते समय नींद नही आती

चेतावनी

कोई भी ASANA (आसन) या PRANAYAM (प्राणायाम) किसी गुरु की देख रेख में ही करें वरना फायेदे के बजाये हानि भी हो सकती हे 

जरा इसे भी देखें:- Shashankasana

health tips in hindi - 8 तरीकें इनसे होटों को फटने से बचाएं और होठों की प्राक्रतिक सुन्दरता बढ़ाएं

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8 tips for soft lips
8 tips for your soft, smooth lips -



1. PEANUTS (मूंगफली ):- नहाने से पहले हथेली में चोथाई चम्मच PEANUTS OILमूंगफली का तेल ) लेकर अंगुली से हथेली में रगड़ें, और फिर LIPSहोठों ) पर इस तेल की मालिश करें, होठों के लिए ये लाभदायक हे,

2. MUSTARD OIL( सरसों का तेल ):-सोने से पहले NAVEL ( नाभि ) पर तेल लगाने से होठ नही फटते,

3. SWEET LEMON ( मोसमी ):- होठों पर  SWEET LEMON JUICE ( मोसमी का रस ) रोज 3 बार लगायें, इससे होठ प्राक्रतिक ( NATURAL LIPS ) रूप से  लाल हो जाते हें,

4. GHEE ( घी ):-घी में जरा सा नमक मिलाकर होठों व नाभि पर लगाने से होठ फटना बंद हो जाते हें ,

5. ALMONDS ( बादाम ):- 5 बादाम रोज सुबहा खाने से होठ नही फटते ,

6. GLYCERINE ( ग्लिसरीन ):-रोज नियमित रूप से 2 बार गिलिस्रिन लगाने से लाभ होता हे ,

7. CARDAMOM ( इलायची ) :- होठों पर पपड़ी जम कर उखड्ती हे, दर्द करती हे, होठ फटते हें तो इलायची पिस कर रोज 2 बार कमसे कम सात दिन लगायें,

8. ROSE ( गुलाब ):-गुलाब के एक फुल को पिसकर उसमे थोड़ी सी दूध की मलाई मिलाकर होठों पर लेप करें, आधा घंटे बाद धोलें कुछ दिनों में ही आप के होठ गुलाब की तरहां सुंदर हो जायेंगे, 

Baby care tips - भोजन दवारा बच्चों की देखभाल

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Baby care tips by food - Health tips in hindi


1.शिशु-जन्म -
अजवाईन और हर्ड गुनगुना पानी मिलाकर घुट्टी के रूप में पिलायें,

2.कब्जी - 
शिशु को कब्ज हो तो बड़ी हर्ड ( जो साधारण हर्ड से बहुत बड़ी होती हे तथा जिसे लोग काबुली हर्ड बोलते हें ) जरा सी घिसकर, जरा सा काला नमक गर्म पानी में मिलाकर पिला दें, यह उत्तम पाचक हे,

3. शिशु-दूध-पाचन - 
बच्चों के लिए माता का दूध सबसे अच्छा हे, माँ का दूध रोग प्रतिरोधक शमता बढ़ाता हे, और शरीर को सुंदर बनाता हे, माता का संयमी जीवन ही बच्चों को निरोग रखता हे, स्त्री का पुरुष संग के समय और तुरंत बाद बच्चों को दूध नही पिलाना चाहिए, इससे बच्चे के शरीर में गर्मी चली जाती हे, इसी प्रकार जब क्रोध आया हो तो बच्चों को दूध न पिलायें, दूध पिलाने से 15 मिनट पहले यदि माँ एक गिलास पानी पीले, फिर दूध पिलाने से माँ का दूध शीघ्र पच जाता हे, तथा बच्चे को दस्त आदि नही होती,

4. शिशुओं की उलटी - 
निम्बू के रस की कुछ बुँदे पानी में मिलाकर पिलायें फिर शिशु दूध नही उलटेगा,

5. दस्त - 
छोटे बच्चों को दस्त हो तो गर्म दूध में चुटकी भर पीसी दालचीनी डालकर पिलायें,

6. बच्चों को दूध से घिरणा - 
यदि बच्चा दूध नही पिता हे तो बच्चे को दूध नही पिलायें, दूध के स्थान पर दही, लस्सी, दूध से बनी अन्यें चीजें, खीर आदि दें, कुछ सप्ताह बाद बच्चा दूध पिने लगेगा, बच्चे के भोजन में परिवर्तन करते रहना चाहिए, केले को पीसकर दूध में मिलाकर दे सकते हें,

7. बच्चों के रोग - 
पेट फूलना, दस्त, खांसी, सर्दी, जुकाम, उलटी,तुलसी के पत्तों का रस, और चीनी व् पानी मिलाकर शरबत बनालें, इसकी एक छोटी चमच पिलायें, ये सब रोग ठीक हो जायेंगे, नियमित प्रयोग से बच्चा स्वस्थ रहता हे,

8. बच्चों का दुबलापन - 
बच्चों को रोज गाजर का रस पिलाने से वो हस्ट पुष्ट बनते हें,

Hindi Stories - वीर बालक स्कन्दगुप्त

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Hindi Story Moral Story for KIDS
वीर बालक स्कन्दगुप्त 


हूंण, शक आदि मध्ये एशिया की मरुभूमि में रहने वाली बर्बर जातियां हें, जो वंहा पांचवी शताब्दी में थी,  हूंण और शक जाती के लोग बड़े लड़ाकू और निर्दय थे, इन लोगों ने यूरोप को अपने आक्रमणों से उजाड़ सा दिया था, रोम का बड़ा भरी राज्ये उनकी चढाईयों से नष्ट हो गया, चीन को भी अनेकों बार इन लोगों ने लुटा, ये लोग बड़ी भारी सेना लेकर जिस देश पर चढ़ जाते थे उस देश में आहाकर मच जाता था,

एक बार पता चला हूणों की सेना हिमालये के उस पर भारत पर आक्रमण करने के लिए इकठ्ठी हो रही हे, उस समय भारत में मगध बड़ा राज्ये था, वंहा का सम्राट कुमारगुप्त था, उनके पुत्र स्कन्दगुप्त उस समय तरुण नही हुए थे, हूणों की सेना का एकत्रित होने का जेसे ही समाचार स्कन्दगुप्त को मिला वो तुरंत अपने पितासे मिलने गए, सम्राट कुमारगुप्त अपने मंत्रियों के साथ हूणों से युद्ध करने की सलहा कर रहे थे, स्कन्दगुप्त ने पितासे कहा की में भी युद्ध करने जाऊंगा,

महाराज कुमारगुप्त ने बहूत समझाया की हूण बहूत ही पराक्रमी और निर्दयी होते हें, वें अधर्म पूर्वक छिप कर भी लड़ते हें, और उनकी संख्या भी अधिक हे, उनसे लड़ना तो मिर्त्यु से ही लड़ना हे,

लेकिन युवराज स्कन्दगुप्त एसी बातों से डरने वाले नही थे, युवराज ने कहा की पिताजी देश और धर्म की रक्षा के लिए शत्रिये का मरजाना तो बड़े गर्व की बात हें, में मिर्त्यु से लडूंगा और देश को उन अत्याचारियों से बचाऊंगा, महाराज ने अपने पुत्रको सिने से लगा लिया, और युवराज को युद्ध में जाने की आगया दी, युवराज अपने साथ 2 लाख वीर सेनिकों की सेना लेकर पटना से चलकर पंजाब से होकर हिमालये की बर्फ से ढकी चोटियों पर चढ़ गये

हूणों ने ये कभी नही सोचा था की कोई उनपर भी आक्रमण कर सकता हे, जब हूणों ने पर्वत की चोटियों से उतरते हुए सेनिकों को देखा तो वो भी युद्ध के लिए अपने सेनिकों को तयार करने लगे,

युद्ध आरम्भ हुआ और वीर युवराज जिधर से भी गुजरते हूणों की लाशों के ढेर लगा देते, थोड़ी देर के युद्ध से ही हूणों की हिमत टूट गयी, और उनकी सेना में भगदड़ मच गयी पूरी हूण सेना भाग खड़ी हुई, शत्रुओं पर विजय प्राप्त करके जब युवराज भारत वापस लोटे तो लाखों की संख्या में लोग उनके स्वागत के लिए खड़े थे, पुरे देश में उस दिन उनके स्वागत में उत्सव मनाया गया,

यही युवराज स्कन्दगुप्त आगे जाकर भारत के सम्राट हुए, आजके ईरान और अफगानिस्तान तक इन्होने अपने सम्राज्य का विस्तार कर लिया था, इनके जेसा वीर पराक्रमी भारत को छोड़ और किसी देश के इतिहाश में मिलना कठिन हें, इन्होने दिग्विजय करके अश्वमेघ यग किया था, वीर होने के साथ साथ ये धर्मात्मा, दयालु, और न्यायी सम्राट हुए थे,

8 simple natural beauty tips your skin

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इन 8 प्राक्रतिक तरीकों से बनाएं चेहरे को सुंदर / beauty tips in hindi 

1:- आंवला Emblic myrobalan benefits for skin
रोज सुबह शाम किसी भी तेल की मालिश करें, रात को एक कांच का गिलास पानी से भरकर उसमें 2 चम्मच पिसा हुआ आंवला भिगोदें और रोज सुबह पानी छानकर रोज सुबहा इस पानी से चेहरा धोएं, इससे चेहरे की झुरियां, झाइयाँ, आदि दूर हो जाएँगी,




2:- नारियल Coconut benefits for skin
चेहरे पर नारियल का पानी रोज 2 बार लगाते रहने से, चेहरे के दाग, धब्बे, मुहासे, चेचेक के निसान ठीक हो जाते हें,

3:- बादाम Almond benefits for skin
पाँच बादाम गिरी रात को भिगोदें, सुबहा छिलका उतार कर बहुत बारीक पीसलें, और शीशी मे भर लें, इसमेँ 60 ग्राम गुलाब जल, 5 बूँद चन्दन का इत्र मिलाकर हिलाएं, जहाँ कंहीं भी चहरे पऱ धब्बे होँ रोज तिन बार लगाएं, जहाँ गहरा धब्बा हो वंहा जयादा मात्रा में लगीं रहने देँ,

4:- हल्दी Turmeric benefits for skin
चोथाई चम्मच हल्दी, चोथाई चम्मच काले तिल दोनों को गर्म दूध में पीसकर चेहरे पर लेप करें इससे झाइयाँ दूर हो जाती हे,

5:- नीम Neem tree benefits for skin
नीम की हरी पत्तियों को पीसकर रात को सोते समय चेहरे पर लेप करें, सुबहा ठंडे पानी से चेहरा धोएं, एसा 50 दिन करें चेचक के दाग ठीक हो जायेंगे,

6:- चावल Rice benefits for skin
सफेद चावलों को पानी में भिगोकर उस पानी से चेहरे को धोने से चेहरे की झाइयाँ मिट जाती हें,

7:- घी Ghee benefits for skin
रात को सोते समय घी को चेहरे पर मलने से काले दाग और चोट के दाग मिट जाते हें, 

8:- एरण्ड का तेल Castor oil benefits for skin
एरण्ड के तेल में चने का आटा मिलाकर चेहरे पर रगड़ने से चेहरें की झाई आदि मिटकर चेहरा सुंदर हो जाता हे,

जरा इसे भी देखें- इन 8 प्राक्रतिक तरीकों से बढ़ाएं अपने होटों की सुन्दरता 

wheat grass juice useful in cancer

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Health Tips For Cancer In Hindi

केंसर में उपयोगी गेहूं के जवारे



wheat grass juice  गेंहू का रस  बनाने की विधि

10-12 गमलों से साफ खाद रहित मिट्टी भर लें । इनमें प्रतिदिन एक गमले में आधी मुट्ठी गेंहू बोये और यदा-कदा पानी डालते रहें । गमलों को छाया में न रखें । एक गमले में जब पौधे 6 इंच के हो जाए तो उखाड़कर जड़ काटकर फेंक दें और इनको धोकर साफ करके चटनी की तरह पीस कर कपड़े में लुगदी डालकर कर निचोड़ लें । इस रस को नित्य सुबह-शाम पिये । इस प्रकार गेंहू बोते रहें और निरंतर यह विधि जारी रखे । इसके साथ-साथ आधा कप गेंहू लेकर धोकर किसी बर्तन में दो कप पानी में भिगोकर 12 घंटे बाद वह पानी सुबह-शाम पिये । बस , आप देखेंगे कि भयंकर रोग 8-10 दिन या 15-20 दिन बाद भागने लगेंगे और 2-3 महीने में रोगी पूर्णत: स्वस्थ एकदम रोगमुक्त हो जाएगा ।

रस में नींबू व नमक नहीं मिलाएँ । पीने के बाद कुछ समय कुछ और न खाएं । प्रयोग करके देखें और परिणाम लेखक को सूचित करें जिससे एक रोगी के प्रयास और परिणाम को देखकर इसका लाभ उठाने के लिए अन्य रोगियों का मनोबल जागृत हो सके । गेहूं का रस पीते समय कच्चा खाना , जैसे – फल , सब्जी , अंकुरित अनाज आदि ज्यादा सेवन करने से शीघ्र लाभ होगा ।

गेंहू के ज्वारे वाले रस के अलावा दही भी कैंसर आदि खतरनाक रोगों कि संभावनाओं को खत्म करती है । राष्ट्रीय डेयरी संस्थान के वैज्ञानिकों ने करनाल में 24 जुलाई 1977 को कॉफी परिश्रम के बाद बताया की दूध दही के रूप में बदलने पर अपने गुणों में वृद्धि कर लेता है ।

इसके अलावा लहसुन के सेवन से भी कैंसर नहीं होता है । हालांकि लहसुन तामसिक भोजन में आता है और स्वस्थ व्यक्तियों को तो लहसुन व प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए चाहे इनमें कितने ही गुण क्यों न हो । क्योंकि ‘जैसा खाओगे अन्न , वैसा होगा मन’ । यह यकृत को उत्तेजित करता है जिससे रोगी को तो बहुत लाभ पहुँचता है परंतु स्वस्थ व्यक्ति के विचारों में गड़बड़ करेगी इसमें कोई दो राय नहीं है । कच्चे फल , सब्जियों के रस आदि कैंसर रोगियों के लिए उत्तम भोजन है ।

Uttanpadasana yoga asana benefits in hindi

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Uttanpadasana उत्तान पादासन

जमीन पर लेटजाएँ दोनों पैर मिले हुए हाथ शरीर के साथ पेरों के पास सटे हुए हथेलियाँ जमीन की तरफ मुड़ी हुई, सांस लेते हुए दोनों पैरों को बिना घुटना मोडे 30 डिग्री तक उपर उठाएं पन्जे बाहार की और तने हुए, अब सांस छोड़ते हुए दोनों पैरों को जमीन की तरफ निचे लाएं,

इसी प्रकार बिना पैरों को मोडे हुए धीरे धीरे 60 डिग्री तक उपर उठाएं, अब सांस छोड़ते हुए दोनों पैरों को धीरे धीरे जमीन पर वापस लाएं, अब Shavasana ( शवआसन ) में आराम करें,

इस आसन के लाभ - benefits this asana

1- पेट के रोग दूर होते हें 
2- धरण ठीक होती हे 
3- पेट की अतिरिक्त चर्बी कम होती हे 
4- हरनिया को ठीक करता हे 


कोन ये आसन न करे 

1- High blood pressure ( उच्च रक्तचाप ) के रोगियों को यह आसन नही करना चाहिए 

जरा इसे भी देखेँ - ustrasana

5 benefits of potato you don't know

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ये 5 आलू के गुण आपके लिए हें फाएदे के 


Potato ( आलू ) खाने में सिर्फ स्वादिस्ट ही नही हे Nutritionists के अनुसार इसमें अनेकों Excellent     qualitys (लाजवाब गुण) भी हें आलू जो प्रत्येक सब्जी की जान हे, इसमें ऐसे गुण समायें हें जिनके बारे में शायद आप नही जानते, मैं आपको  bharat yogiके इस Health related Articleके माध्यम से आलू के कुछ बेहद  गुणों से परिचित कराऊंगा,






Vitamin b6 Benefits our body
ये विटामिन हमारे लिए काफी जरूरी हे, ये रक्त में जमने वाले थक्कों को रोकता हे और ये Heart Attackके होने की सम्भावनाओं को खत्म करता हे, ये कोशिका निर्माण के लिए भी जरूरी हे और cancer से बचाव के लिए भी बेहद जरूरी हे 

Vitamin c Benefits our body
विटामिन c हमारे शरीर के लिए बेहद उपयोगी हे ये हमे शर्दी जुकाम से बचाता हे, ये हमारे शरीर के अलग अलग हिस्सों को आकार प्रदान करने में काफी उपयोगी हे, ये हमारे Blood cellsको मजबूत करता हे, इस विटामिन की कमी के कारन खून अधिक बहता हे, इसकी कमी के कारण पथरी का रोग भो हो सकता हे,

Vitamin d Benefits our body
ये विटामिन हमारे शरीर के लिए बेहद उपयोगी हे, ये आपकी हड्डियों को मजबूत करेगा, ये आपके Immune system (प्रतिरक्षा प्रणाली) को मजबूत बनाता हे जिसके कारण आप सर्दी, जुखाम, आदि से बचे रहते हें शरीर की कमजोरी को दूर करता हे, ये विटामिन हमे सीधे सूरज की रौशनी से भी मिलता हे, ये विटामिन हमारे दिमाग की काम करने की शमता को भी बढाता हे

Potassium Benefits our body
ये हमारे शरीर के विकास के लिए आवशयक हे, ये शरीर की कोशिकाओं में पानी की उच्चित मात्रा को बनाये रखता हे, हमारी कोशिकाएं सही ढंग से काम करती रहें इसके लिए पोटेसीयम की हमारे शरीर को जरूरत होती हे 

Good Source of Carbohydrate
आलू में कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाया जाता हे , यदि आप पतले हें तो आपको आलू जरुर खाना चाहिए ताकि आपकी सेहत में बेहतर सुधार आसके 

दोस्तों उमीद हे की अब आप आलू के कुछ खाश गुणों से परिचित हो चुके होंगे, तो अब दूसरों को भी इन गुणों के बारे में बताएं 

जरा इसे भी देखें - Wheat grass juice usefull in cancer
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