पैसे का महत्व आज लोगों ने सिर्फ पैसे को केंद्र बना लिया है जीवन का लक्ष्य बस इतना ही दिखता है कि बस पैसा कमाओ दिमाग में भ्रांति यह है कि जितने अधिक पैसे कमा लेंगे उतने ज्यादा सुखी हो जाएंगे पर यह सत्य नहीं है एक सीमा तक पैसा आपको सुख देगा अच्छी बात है पैसा कमाना चाहिए हम पैसे के विरोधी नहीं है पैसे का महत्व है पैसे के बिना कुछ नहीं होता है आप घर से बाहर निकलो तुरंत खर्चा है खर्चा है इसलिए पैसा तो चाहिए ना तभी खर्च कर पाएंगे यह भी कहता है पैसा कमाओ पर प्रश्न है कितना पैसा कमाए? पैसे का महत्व Paise Ka Mahatva In Hindi
वेदों का सिद्धांत है कि अपनी आय में से कम से कम 10% तो दान देना ही चाहिए ताकी हमारे कुछ शुभ कर्म हो और अगला जन्म भी हमको मनुष्य का मिले
जीवन में पैसे का महत्व कितना है?
पैसा सुख प्राप्ति के लिए कमा रहे हैं या दुख प्राप्ति के लिए तभी पैसे का महत्व होगा सुख प्राप्ति के लिए इसलिए जिस सीमा तक आपको पैसा सुख देता है उस सीमा तक पैसा कमाइए तो कोई आपत्ति नहीं है एक सीमा के बाद वह पैसा आपको दुख देना शुरु कर देगा जब वह सीमा आ जाए तो पैसा कमाना बंद अब आप जो पैसा कमाएंगे वह आपके लिए परेशानी उत्पन्न करेगा इसलिए उस सीमा का ध्यान रखे।
पैसे का महत्व जानिए पैसों का सही इस्तेमाल कैसे करें?
आपको यह जान लेना चाहिए कि धन की तीन गति होती है एक दान है, दूसरी भोग, तीसरी विनाश इन गतियो में से सबसे पहली है दान
कुछ रुपए अच्छे काम में दान देना चाहिए । जिनसे सच्चाई का प्रचार हो सच्चाई को प्रोत्साहन मिले शुभ कर्मों में वेद प्रचार में पुस्तक प्रकाशन में समाज सेवा के लिए रोगियों के लिए अनाथों के लिए विधवाओं के लिए गांव के लिए पशु पक्षी के लिए कुछ पैसा दान करना चाहिए यह दान बहुत पुण्य का काम है।
वेदों का सिद्धांत है कि अपनी आय में से कम से कम 10% तो दान देना ही चाहिए ताकी हमारे कुछ शुभ कर्म हो और अगला जन्म भी हमको मनुष्य का मिले हम सो रुपए कमाते हैं और दोस्तों क्या 1 रूपया भी दान नहीं करते सब इधर-उधर खर्च कर देते हैं तो फिर हमारा पुण्य तो कुछ हुआ ही नहीं जब पुण्य नहीं होगा तो फिर अगला जन्म मनुष्य का कैसे मिलेगा इसलिए कुछ अगले जन्म को भी सुधारना है कुछ इस जन्म को भी सुधारना है।
धन की दूसरी गति भोग
खा पी लेना अपने ऊपर खर्च कर देना परिवार के लिए खर्च कर देना और अगर ना आप दान देते हैं ना आप खाते पीते हैं तो फिर उसकी तीसरी गति होगी नाश
धन की तीसरी गति नाश
कोई छीन ले जाएगा कोई खा जाएगा सरकार टैक्स लगा देगी कोई उधार ले कर भाग जाएगा फिर लौट आएगा नहीं फिर दुखी परेशान होते रहेंगे या फिर यही पैसे जमा करके छोड़ कर चले जाएंगे अब वह पैसे जो आप ना खा सकें ना दान दे सके किस काम से वह तो यहीं रह गए उसके लिए व्यर्थ में 20 साल मेहनत की जो आपके किसी काम में नहीं आई आप खा पी लेते तो भी चलो लाभ होता दान दे देते तो पूण्य मिलता इससे अगले जन्म में लाभ हो जाता इसलिए जो ना आप खा पी सकते ना आप दान दे सकते वह पैसा व्यर्थ और दुखदाई है इसलिए व्यर्थ में पैसा मत जमा कीजिए।
पैसा आवश्यकता से अधिक खट्टा हो जाए तो क्या परेशानी होती है
जब आपके पास आप की आवश्यकता से अधिक पैसा इकठ्ठा हो जाये तो फिर कई सारे लोग आप से मांगने वाले आ जाएंगे कोई भाई भतीजे आ जाएंगे या कोई और रिश्तेदार आ जाएंगे कोई दोस्त आ जाएंगे कोई उधार मांगेगा कोई दान मांगेगा आप जानते हैं कि किसी को आप उधार पैसा दे दे तो उससे वापस निकलवाना कितना मुश्किल काम है अब वह पैसा आपके लिए समस्या बन गया अगर आप उसको उधार देते हैं और वापस नहीं आता है तो भी समस्या है और नहीं देते हैं तो उससे रिश्ता बिगड़ता है नाराजगी होती है कहेगा देखो साहब इसके पास पैसे हैं फिर भी हम को नहीं देता हमारी सहायता नहीं करता तो आप सोचिए उस पैसे ने आपको सुख दिया या दुख दिया आपकी समस्या बढ़ी या नहीं बढ़ी।
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पैसों के बारे में वेद का क्या कथन है पैसे का महत्व
वेद कहता है पैसा कमाओ परंतु बहुत पैसा मत कमाओ जितनी जरुरत है उतना कमाओ कुछ दान भी दो कुछ खाओ पियो और ईश्वर का ध्यान भगवान का भजन करो तो वेदों के अनुसार धन कमाने के लिए 1 दिन में अधिकतम 8 घंटे का समय खर्च करना चाहिए ऐसे थोड़ा थोड़ा करके धीरे-धीरे पैसा कमाओ धीरे-धीरे जमा करो जिससे अपना जीवन ठीक से चलता रहे। पैसे का महत्व
आज तो हम देखते हैं जो लोग नई नई फैक्ट्री लगाते हैं फिर 15 15 घंटे मेहनत करते हैं वह पूरी शक्ति सिर्फ पैसे कमाने के लिए खर्च कर देंगे वे ना बच्चों पर, ना पत्नी पर, ना अपने स्वास्थ्य पर, ना घर पर, ध्यान देंगे ना हवन करेंगे ना स्वाध्याय करेंगे ना सत्संग में जाएंगे ना समाज के किसी काम में सहयोग करेंगे सुबह से रात तक उनके दिमाग में पैसा ही घूमता रहता है ऐसे पैसा कमाना हानिकारक है यह बहुत सारी समस्याएं पैदा करता है आप की बहुत सारी उन्नति रुक जाएगी जीवन में असंतुलन हो जाएगा उस असंतुलन से बचने के लिए अधिकतम 8 घंटा धन कमाने का समय रखिए उसके बाद ऑफिस से नौकरी से व्यापार से लौटकर मुंह हाथ धोकर या स्नान करके जैसी आपकी इच्छा हो ईश्वर का ध्यान करें सारे परिवार के लोग मिलकर बैठे साथ में भोजन करें फिर उसके बाद कुछ चर्चा करें कि आज का दिन कैसा रहा कहां-कहां किस-किस से मिले क्या क्या बात हुई क्या खाया परिवार के सदस्यों की सारी खोजबीन जांच पड़ताल करें आज आपको क्या समस्या हुई उस समस्या को सुनें और उस को समझाएं इस तरह से आप धन कमाने के साथ-साथ अपने बच्चों पर ध्यान देंगे तो आपके बच्चे अच्छे बनेंगे आपके बच्चे क्या करते हैं कहां जाते हैं क्या भूल कर रहे हैं वह आपको पकड़ में आ जाएगी जब आप बच्चों से मिलते नहीं बैठते नहीं बात नहीं करते तो आपको पता ही नहीं चलता कि आपके बच्चे क्या क्या भूल कर रहे हैं।
दोस्तों यह लेख स्वामी विवेकानंद परिव्राजक जी के व्याख्यानों से दिया गया है यदि आप स्वामी जी के आध्यात्मिक प्रवचन सुनना चाहते हैं तो नीचे जो यह वीडियो है इसे देखिए और नीचे Facebook का लिंक दिया है वहां पर आप सीधा उनसे जुड़ सकते हैं।
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