
1947 को जब हमे आजादी मिली तो भारत के पहले प्रधानमन्त्री ने इस क्रांतिकारी की इच्छा पूरी करते हुए इनकी अस्थियों को भारत लाना चाहिए था लेकिन एसा नही हुआ क्रन्तिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा जी की अस्थियाँ भारत आजाद होने के बाद भी 73 सालों तक इंतजार करती रही अपनी मुक्ति का की कोई आजाद भारत माँ का लाल आएगा और मुझे यंहा से लेजायेगा,
और फिर वो दिन भी आया जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने और काफी लम्बी कोशिश के बाद 22 अगस्त 2003 में स्विटजरलैंड गये और वंहा से इस भारत माँ के बेटे "क्रन्तिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा जी " की अस्थियों को भारत लाये लेकिन किसी मिडिया ने नही दिखाया क्योंकि इनकी मानसिकता ही देश विरोधी हे और आज कल इन भांड किस्म के नेताओं को मोदी जी को कोसने से ही फुर्सत नहीदोस्तों आने वाले समय में मोदी जी को ही चुने क्योंकि ये ही अपनी भारत भूमि के लिए ठीक होगायदि किसी को कोई शंका हो इस खबर से तो इस लिंक पर जाकर देख सकता हे Shyamji krishna varma
सुचना:- जो गद्दार हें वो दूर ही रहें