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Hindi Stories विश्वासघात पर हिंदी कहानी कोए, हिरण, गीदड़ की कहानी Part 3

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इस Hindi Kahani पर आप सीधे आये है तो आप पहले इस कहानी  Kahani का पहला भाग पढ़िए तब आपको ये  KAHANI समझ में आयेगी इस Hindi Kahani का पहला भाग पढने के लिए इस पर Part1 पर क्लिक करे

Hindi Kahaniतो केवल अपने ही जैसे लोगों के साथ निभा सकती है यह सुनकर गीदड़ को क्रोध आ गया

प्रेरणादायक हिंदी कहानी 

मैं उन्हें घूरता हुआ बोला जिस दिन तुम्हारी किरण से पहली भेंट हुई थी उस दिन क्या वह आपको अच्छे से जानता थानहीं इस पर भी आप लोगों का प्यार दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है किसी ने कहा है कि यहां पर कोई बुद्धिमान होता वह साधन पुरुष को खुदा वान समझकर उसका सम्मान किया जाता है

यह मेरा है यह तेरा है यह अपना है या पराया है ऐसी बातें तो कम बुद्धि वाले लोग ही क्या करते हैं जिनके पास ज्ञान नहीं जो अज्ञानी है वही मेरे तेरे के चक्रों में उलझे रहते हैं

मिर्ग इनकी बातों से चिढ कर बोला अरे भाई इस प्रकार की बातों का क्या लाभ है हम लोगों को आपस में मिलकर ही रहना चाहिए इस संसार में ना तो कोई किसी का शत्रु है और ना ही मित्र बस आपस में मिल जुल कर रहने का नाम ही सच्चा प्यार है

कोए ने जब देखा की हिरण उसकी बात नहीं सुनता तो थक-हारकर बोला ठीक है भाई जैसा तुम कहते हो वही उचित है बस तुम जीत गए तीनों रात को बहुत देर तक आपस में वार्तालाप करते रहे कोए और हिरण के मन तो साफ़ थे

लेकिन सियार?

उसके मन में तो हिरण का मांस खाने की चाह लगी थी वह तो उस मौके की तलाश कर रहा था जब हिरण को चट कर जाए मित्रघाती यह गीदड़ हर समय बुरा ही सोचता था

Child Story Hindi with moral

चालाकी अवसर की तलाश में अपना समय काटने वाला उसके सामने एक ही लक्ष्य था हिरण का मांस खाना उसकी यही मंजिल थी

एक दिन गीदड़ ने अपना मुंह का ताला और हिरण के पास जाकर बड़े प्यार से देखो मित्र इस जंगल को पार कर एक हरा भरा मक्के का खेत उसमें चलकर मक्का खाने में बड़ा आनंद आएगा चलो मैं तुम्हें लेचलता हूं यदि तुम्हारी यही इच्छा है मित्र तो चलो चलते हैं रात के समय वह उस खेत में गई हिरण में हरे भरे खेत को देखा तो उसके मुंह में पानी भर आया

वह तो उसी समय खेत में जाकर हरे हरे पत्तों को खाने लगा उस रात से वे दोनों उस खेत में आने लगे बड़े मजे से हरे भरे पौधों को खाते और आनंद लेते एक दिन खेत के मालिक ने हिरण को चरते हुए देखा उसे अपनी फसल नष्ट करने वालों पर बहुत अधिक क्रोध आता था

गीदड़ तो शैतान था वह तो पहले से ही छुपा हुआ एक कोने में बैठा था बस खेत के मालिक की नजर हिरण पर पड़ गई कोई बात नहीं बच्चे तेरे को तो मैं अब जाल में ही बाँध कर रखूँगा खेत के मालिक ने हिरण की ओर देखकर अपनी मुछो को ताव दिया

दूसरी रात ही उसने खेत में जाल बिछा दिया जैसे हिरण वहां आया तो आते ही जाल में फंस गया
हिरण अपने आप को चारों ओर से बंधे देखकर अपने मित्र गीदड़ को आवाज दी अरे भैया मुझे बचाओ मैं जाल में फंस गया हूं गीदड़ समझ गया कि हिरण जाल में फंस गया है यही तो मैं चाहता था अब थोड़ी देर में खेत का मालिक आएगा जो क्रोध अंधा होकर इस हिरण को मार देगा बस फिर क्या है मेरा काम बन जाएगा वह हिरण की ओर घूर घूर कर देख रहा था

भैया मेरे को ऐसे घूर घूर कर क्या देख रहे हो जल्दी करो मेरे बंधन काटो देखो मैं जाल में फस गया हूं देखो मित्र यह जाल तो चमड़े का बना हुआ है आज रविवार होने के कारण मेरा व्रत है ऐसे में मैं चमड़े को मुंह लगाकर यह पाप अपने ऊपर नहीं लेना चाहता मैं धर्म के कारण मजबूर हूं मित्र Hindi Kahani

यह कहकर गीदड़ पास की झाड़ियों में छुप कर बैठ गया और खेत के मालिक के आने की प्रतीक्षा करने लगा हिरण बेचारा खून के घूंट पीकर रह गया उसे रह रह कर गीदड़ पर गुस्सा आ रहा था किंतु वह कुछ नहीं कर सकता था

बेबसी के आंसू बहा कर ही रह गया था हिरण ऐसे में उसे अपने मित्र को एक ही बातें याद आ रही थी उधर कोई नहीं जैसे ही देखा कि उसका मित्र अभी तक नहीं आया तो उसे बहुत चिंता होने लगी आखिर वह अपने मित्र की तलाश में निकल पड़ा उड़ता उड़ता को उसके तक पहुंच गया है जिसमें उसका मित्र जाल में फंसा हुआ अपने अंतिम घड़ियां गिन रहा था उसका दिल डूबने लगा और वह हिरण के पास जाकर पूछने लगा अरे भाई यह सब क्या है

भैया बस जाल में फंसी गया उसकी धन ने मुझे यह रास्ता दिखाया वह स्वयं पर ना जाने कहां गायब हो गया लगता है यह सब उसी की चाल है जो मेरी इतनी आवाज सुनकर भी नहीं आया मैंने तो तुमसे पहले ही कहा था मित्र की दोस्ती केवल उन्हीं लोगों से होती है जो अपनी विचारधारा के हो अच्छे वंश के हो जो मुंह पर मीठी-मीठी बातें करते हैं पीठ के पीछे बुराई करते हैं ऐसे मित्रों को त्याग देना चाहिए ऐसे ही सुबह हो गई

हिरण बेचारा अपनी मौत की घड़ीयां गिन राहा था क्योंकि सुबह होते ही खेत का मालिक आने वाला था
वह आते ही उसे जान से मार डालेगा

उसी समय कोए ने हिरण के कान में जाकर कुछ कहा हिरण उसी समय उसकी बात समझ गया और अपने शरीर को निढाल सा बनाकर ऐसे स्थिर लेट गया जैसे मर चुका हो उसकी मौत को पक्का करने के लिए कोआ उसके शरीर पर ऐसे बैठ गया जैसे मरे हुए शव पर कोए बैठे रहते हैं

जैसे ही खेत का मालिक उधर आया उसने जाल में फंसे हिरण को धरती पर मरे हुए देखा तो क्रोध में आकर बोला साला मेरे आने से पहले ही मर गया

यह कहकर उसने अपना जाल खोलकर लपेट लिया और अपनी लाठी को कंधे पर रख वापस जाने लगा कोए ने उसी समय हिरण से कहा निकल लो यही मौका है

Hindi Kahani

धरती पर गिरा हिरण उसी समय छलांग लगाता हुआ भाग निकला खेत के मालिक ने जब हिरण को भागते देखा तो उसका क्रोध और भी बढ़ गया उसने उसी समय कंधे पर रखी लाठी को भागते हिरण के दे मारा परंतु हिरण तो कब का भाग चुका था गीदड़ जो पास छुपा बैठा था वह लाठी सीधी उसके सिर पर पड़ी जिससे उसके सिर के दो टुकड़े हो गए

उस गीदड़ को उसके पापों की सजा मिल चुकी थी जो जैसा करता है वैसा ही भरता भी है

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