Short Stories In Hindi बोले हुए शब्द वापस नहीं आते
Short Stories दोस्तों हमारी आज की जीवनशैली ऐसी हो गई है जिसमें कि हम किसी को कुछ भी बोल देते हैं हम सोचते नहीं कि हमारे मुंह से क्या निकलता हमें क्या कहना चाहिए और क्या नहीं कहना चाहिए इस पर हमें विचार करना जरूरी है काफी लोग होते हैं जो जल्दी से क्रोधित हो जाते हैं और उस क्रोध में आकर वह ना जाने क्या क्या अनाप-शनाप बोल देते हैं जो साफ दिल के होते हैं वह बाद में उस बात पर पछतावा करते हैं सोचते हैं कि मैंने ऐसा क्यों कहा दोस्तों कुछ भी कहिए कुछ भी करिए कितना भी आपको क्रोध है लेकिन कुछ समय तक यदि आप शांत रहे लेते हैं तो आप अपना जीवन सफल बना लेते हैं और दूसरों को कष्ट देने से बच जाते हैं दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहा हूं जिस को जानकर आप समझ पाएंगे कि बोले हुए शब्द कभी वापस नहीं आते.Short Stories
Short Stories Motivational In Hindi
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दोस्तों किसी गांव में एक किसान रहता था वह किसान 1 दिन किसी बात पर वह किसान काफी परेशान होता है कभी क्रोधित होता है उसको काफी गुस्सा आता है तो उसका पड़ोसी उसके पास में आता है किसी काम के लिए लेकिन वह किसान अपने पड़ोसी को अनाप-शनाप बक देता है तब बाद में उस किसान को पछतावा होता है वह सोचता है कि मैंने ऐसा क्यों कहा क्यों मैंने अपना गुस्सा अपने पड़ोसी पर निकाला Short Stories In Hindi
तब वह जंगल में एक संत के पास जाता है और संत से कहता है कि मैंने अपने पड़ोसी को गलत सलत कहा उस पर अपना क्रोध निकाला मैं ऐसा क्या करूं कि मेरे बोले हुए शब्द वापस आ जाएं तब वह संत उस किसान को कहते हैं कि तुम काफी सारे पंख जमा करो और शहर के बीच चौराहे पर जाकर उनको रख दो किसान ऐसा ही करता है वह काफी सारे पंख इकट्ठा करता है और शहर के बीच चौराहे पर उनको रख कर आ जाता है अब जब वह संत के पास वापस आता है तो संत से कहता है कि जैसा आपने कहा है मैंने वैसा ही किया है short hindi stories with moral values
अब संत किसान को बोलते हैं कि अब तुम एक काम करो उन सभी पंखों को वापस ले आओ और किसान वापस उन पंखों को लेने शहर में जाता है पर तब तक हवाओं के झोंके के साथ में सारे पंख इधर से उधर बिखर जाते हैं और किसान खाली हाथ ही संत के पास वापस आ जाता है और संत को कहता है कि वहां मुझे कोई पंख नहीं मिला सब उड़ गए सब इधर से उधर बिखर गए तब संत बोलते हैं जैसे वह पंख बिखर गए उसी प्रकार जो शब्द तुमने बोले वह भी बिखर चुके हैं वह कभी वापस नहीं आएंगे इसीलिए कभी भी कुछ भी बोलो तो सोच कर ही बोलो Short Stories
यह कहानी हमें शिक्षा देती है कि हमें क्रोध वश में आकर किसी पर कुछ भी नहीं बोलना चाहिए क्योंकि बोले हुए शब्द कभी वापस नहीं आते इसीलिए हमेशा सोच समझ कर ही बोलना चाहिए आप कभी किसी को क्रोधवश किसी को कुछ गलत बोल देते हो तो उसे क्षमा मांग लेते हो लेकिन मनुष्य का स्वभाव ऐसा है कि उसे कोई ना कोई बात दुखी कर जाती है कष्ट पहुंचा जाती है इसीलिए सदैव हंसमुख रहिए और क्रोध हेतु प्रयास कीजिए कि कुछ समय शांत रहिए इसी प्रकार धीरे धीरे प्रयास करते करते आपका क्रोध शांत होने लग जाएगा और आप किसी को गलत बोलने से बच जाएंगे तो दोस्तों यह कहानी कैसी लगी आपको यह हमें कमेंट के माध्यम से बताइए और इस कहानी को लाइक कीजिए सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए ताकि अधिक से अधिक व्यक्ति यह कहानी पढ़ सकें जान सके और क्रोध से बच सकें Short Stories
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